मां ने लिखा दी 7 साल की बेटी से दुष्कर्म की झूठी रिपोर्ट, 24 साल के युवक ने 3 साल भोगी जेल


- हाथ पकडऩा और मारपीट को ‘गलत बात’ समझती है बच्ची, कोर्ट में स्वीकारा

स्वयं सहायता समूह के लोन को लेकर था विवाद

इंदौर. कानून के दुरुपयोग का एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें एक मां ने एक युवक के खिलाफ अपनी सात साल की बेटी से दुष्कर्म की झूठी रिपोर्ट पुलिस में लिखा दी। कानून की सख्ती के चलते २४ साल के युवक को अपनी जिंदगी के तीन कीमती साल जेल की सलाखों के पीछे गुजारने पड़े।
तीन साल एक माह तक केस चलने के बाद यह साबित हुआ कि महिला ने आपसी विवाद के चलते युवक को फंसाने के लिए झूठी रिपोर्ट लिखाई थी। कोर्ट में बच्ची ने खुद स्वीकार किया कि गलत बात का मतलब उसके हिसाब से मारपीट करना और हाथ पकडऩा होता है। इसी आधार पर मां के कहने पर धारा १६४ के तहत पहले बयान दर्ज कराए थे। बच्ची ने कोर्ट के समक्ष यह कहा, कि उसकी मां और नाना ने आरोपी युवक को घटना के बाद कहा था कि वे उसे झूठा फंसा देंगे। जांच अधिकारी सहित कुल ११ गवाहों के बयान और सबूतों के आधार पर कोर्ट ने आरोपी युवक को दोषमुक्त कर दिया। मेडिकल रिपोर्ट में भी दुष्कर्म नहीं होने की बात सामने आई थी। अपर सत्र न्यायाधीश बीके द्विवेदी की कोर्ट से यह फैसला सुनाया गया है।

यह है मामला

मामला आजाद नगर थाने के मूसाखेड़ी क्षेत्र से जुड़ा है। एडवोकेट अखिलेश सक्सेना के मुताबिक २८ अप्रैल २०१५ को आजाद नगर थाने में मूसाखेड़ी के पंचशील नगर निवासी सात वर्षीय पीडि़ता की मां ने बेटी के साथ दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने पड़ोसी मनोज वर्मा को गिरफ्तार कर पहले छेड़छाड़ की धाराओं में केस दर्ज किया, लेकिन बच्ची के धारा १६४ के तहत हुए बयान के बाद भादवि की धारा ३७६ (दुष्कर्म), लैंगिंग अपराध और एससी एसटी एक्ट की धाराओं में केस दर्ज किया था।